एक दिया भी काफी है....
विशाल समन्दर, अथाह लहरे
भटके मुसाफिर,जमीं की तलाश में
इस वीराने में,रात के अंधियारे में
एक प्रकाश स्तम्भ भी काफी है मंजिल दिखाने को ........
झूठे बड़प्पन में अपने अहम् में
फलदार वृक्ष अकडते नहीं ,
ताड़ कभी झुकता नहीं
समझ समझ का फेर है वर्ना ,
एक क्षमा भी काफी है बिगड़ी बनाने को ............
भयावह तिमिर और रस्ते की थकन
डर डर जाये जिया,वन में मै जाऊ कहाँ
इस आशियाने में ,अनजाने सफ़र में
एक जुगनू भी काफी है रौशनी दिखाने को ........
पूर्वजो की इशवाणी है
सीखते है हम गगन में उड़ना,जल में तैरना
पर सिखा नहीं हमने जमीं पर चलना
जीना सिखाने को ,इंसान बनाने को
एक गुरु भी काफी है अज्ञान मिटाने को .......
कभी दिल की लगन है कभी रस्ते की तपन है
कभी तृषित मन है कभी ऊँची उड़ान की थकन है
दुनिया रंगीन है और हंस के जीने को
एक खुशनुमा याद भी काफी है जिंदगी बिताने को ........
बचपन से माँ -पिता ने गले से लगाया
सच्चे और झूठे का अंतर सिखाया
त्याग से प्यार से हमें अच्छा इंसा बनाया
एक पुत्र भी अच्छा हो जो खुशिया दे पाए
एक कुलदीपक भी काफी है पूर्वजो का नाम बनाने को ....
चौरासी योनि का लम्बा सफ़र है ,
जीव और जीवन का हर पल मिलन है
कठिन है रास्ता और अनजान राही है
कहने को पुनर्जन्म भी एक सच्चाई है मगर
एक जनम भी काफी है आत्म तत्व को पाने को ............
विशाल समन्दर, अथाह लहरे
भटके मुसाफिर,जमीं की तलाश में
इस वीराने में,रात के अंधियारे में
एक प्रकाश स्तम्भ भी काफी है मंजिल दिखाने को ........
झूठे बड़प्पन में अपने अहम् में
फलदार वृक्ष अकडते नहीं ,
ताड़ कभी झुकता नहीं
समझ समझ का फेर है वर्ना ,
एक क्षमा भी काफी है बिगड़ी बनाने को ............
भयावह तिमिर और रस्ते की थकन
डर डर जाये जिया,वन में मै जाऊ कहाँ
इस आशियाने में ,अनजाने सफ़र में
एक जुगनू भी काफी है रौशनी दिखाने को ........
पूर्वजो की इशवाणी है
सीखते है हम गगन में उड़ना,जल में तैरना
पर सिखा नहीं हमने जमीं पर चलना
जीना सिखाने को ,इंसान बनाने को
एक गुरु भी काफी है अज्ञान मिटाने को .......
कभी दिल की लगन है कभी रस्ते की तपन है
कभी तृषित मन है कभी ऊँची उड़ान की थकन है
दुनिया रंगीन है और हंस के जीने को
एक खुशनुमा याद भी काफी है जिंदगी बिताने को ........
बचपन से माँ -पिता ने गले से लगाया
सच्चे और झूठे का अंतर सिखाया
त्याग से प्यार से हमें अच्छा इंसा बनाया
एक पुत्र भी अच्छा हो जो खुशिया दे पाए
एक कुलदीपक भी काफी है पूर्वजो का नाम बनाने को ....
चौरासी योनि का लम्बा सफ़र है ,
जीव और जीवन का हर पल मिलन है
कठिन है रास्ता और अनजान राही है
कहने को पुनर्जन्म भी एक सच्चाई है मगर
एक जनम भी काफी है आत्म तत्व को पाने को ............