Thursday 21 July 2011

ये ही तो है जिंदगी....

ये ही तो है जिंदगी....

हमारी जिंदगी !!!
आत्मा के कई जन्मो का सफ़र है
जिसके न आदि का पता है ना अंत का
एक अंतहीन सफ़र है जिन्दगी ......

इस छोटे से काल में काल के
काल में कितने काल-कलवित  हुए
उनके नामोनिशान भी मिट गए
फिर भी रोज नयी उमंग
जगाती है जिंदगी.....

रोज नए रिश्ते बनते बिगड़ते है
देश और सरहद के झगडे होते रहते है
इंसानों से इंसानियत की मौत होती है
सारे रिश्ते इसी जनम में जमी पर रह जाते है
फिर भी प्यार करना सिखाती है जिंदगी........

पुरानी पीढ़ी और नई उम्र में अजब कशमकश है
बेमेल विचारो   की   जबरदस्त   जद्दोजहद है
ओल्ड age होम आधुनिक जरुरत है
क़ल हम भी उसी रस्ते पे होंगे
ये मालूम है मगर
अपनों को अपनों से बेगाना बनाती है जिंदगी.....

सुना है लोगो ,से पढ़ा है किताबो में
महापुरुषों के छोड़े पदचिन्ह हम मिटा न सके
क्युकि हम नया पदचिन्ह बना न पाए
पूर्वजो का कर्म फल हमने जी भर के लुटा
नयी संतति को थाती में
खुरचे भी देने में डरते है
स्वार्थ में हमें अँधा बनाती है जिंदगी.......
           
 इबादत है हमारी !हमारे संचालक से
छोटे जीवन की नैया हम अच्छे से खे पाए ,
नाविक की मर्जी और आत्मा की पतवार से
हर तरफ फूल न सही फूलो के बीज ही बिखेर पाए,
हम ना सही दुनिया ही कहे
सार्थक हुई हमारी ये जिंदगी...........

1 comment:

sam said...

Life is like dancing. If we have a big floor, many people will dance. Some will get angry when the rhythm changes. But life is changing all the time.
Life is anything that dies when you stomp on it. Life is a series of collisions with the future; it is not the sum of what we have been, but what we yearn to be. Life is a long lesson in humility. is'nt?