हमने देश की नैया की जिनके हवाले,
हमारे मातम पर वो गुनगुनाते रहे .....
अपनों का हो या आतंकी का हमला ,
हम रोते रहे वो रुलाते रहे .......
विदेशो में रखकर गरीबो का पैसा ,
समाजवाद के गुण गाते रहे .....
शहीदों के नाम पर कुर्सी पर बैठे,
देशभक्ति के तान सुनाते रहे.....
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