साहिल की बात वो करें जो डरते हैं डूब जाने से, हम तो गम के दौर में भी आशाओं की चप्पुए ही चलाते हैं...
कागजी-पन्नो पर इबादत लिखने का नहीं है शौक हमें ,हम तो हाथो की लकीरों को भी खुद की खुदी से ही मिटाते हैं ...
कल क्या होगा इस सोच में कौन ये वक्त खराब करे,हम तो हर पल ,आज की खुशियों का ही अंदाजे बयान कर जाते हैं...
ढूंढते रहें लोग सुख को फूलो और गुले-मौसम में,हम तो सपनो में भी वासंती गुलशन का आशियाँ ही बनाते हैं ...
चांदनी रात की टकटकी लगाने वालो में अपना नाम शुमार नहीं,हम तो अंतर-खुशियों से भी हर आलम को पूनम ही बनाते हैं...
वो कोई और होंगे जो तमन्ना पूरी करने को खुद को मिटा जाते हैं, हम तमन्ना को मिटाकर भी अपनी खुद्दारी बचाते हैं...
(17.09.13)
कागजी-पन्नो पर इबादत लिखने का नहीं है शौक हमें ,हम तो हाथो की लकीरों को भी खुद की खुदी से ही मिटाते हैं ...
कल क्या होगा इस सोच में कौन ये वक्त खराब करे,हम तो हर पल ,आज की खुशियों का ही अंदाजे बयान कर जाते हैं...
ढूंढते रहें लोग सुख को फूलो और गुले-मौसम में,हम तो सपनो में भी वासंती गुलशन का आशियाँ ही बनाते हैं ...
चांदनी रात की टकटकी लगाने वालो में अपना नाम शुमार नहीं,हम तो अंतर-खुशियों से भी हर आलम को पूनम ही बनाते हैं...
वो कोई और होंगे जो तमन्ना पूरी करने को खुद को मिटा जाते हैं, हम तमन्ना को मिटाकर भी अपनी खुद्दारी बचाते हैं...
(17.09.13)