Saturday 23 July 2011

सच तो यही है !!!!!

सच की सच्चाई !!!!!

चोरी किसी के दिल की हो ,
तन की -मन की ,सभा में वचन की हो
या मिहनत से बचाए किसी के धन की हो ,
   चुराया तो है ही ना ,सच तो यही है ......

प्यार राधा का किशन से ,प्रेमी का प्रेमिका से
मां का बच्चे से ,शहीदों का देश से हो ,
आंसू की ख़ुशी ,इंसानों का इंसान
औ भक्त का भगवान् से हो
प्यार में दिल का धडकना तो है ही ना ..सच तो यही है.....

दुःख अनसुलझे जज्बातों से मिले,
जनम- फल या कर्म-फल से ,
बच्चे से जीवन दात्री को मिले
या मजबूत तबके से गरीबो को,
सिला दूसरो से मिला हो या अपनों से 
 दुःख में तड़पन तो है ही ना,सच तो यही है......

स्वार्थ अपनों को बचाने का हो
परिवारवाद ,समाजवाद
या समग्र समाज के उत्थान का हो
  स्वार्थ में अंधे तो सभी है ना ,सच तो यही है ......

दोस्ती हमसफ़र से हो,हमराही से
सम दर्शी इंसानोंकी हो,मिलते विचारो की
कृष्ण की सुदामा से हो ,राम की विभीषण से
 दोस्ती में प्रेमभाव तो है ही है ना,सच तो यही है.......

ख़ुशी मिलन में हो,पूर्ण समर्पण में हो या तन्हाई में ,
त्याग में या किसी को दुःख पहुचाने में हो ,
या दधिची की तरह देवताओ के लिए
अपना सर्वस्व लुटाने में हो
 ख़ुशी में आनंद तो है ही ना,सच तो यही है .......

कबीर की कबीरवाणी !!!
हे सावरे श्याम ! अपने रंग में इस कदर रंग दे मुझे ,
कि तेरे सिवा कोई और रंग ना चढ़े मुझपर ,
ना अगले जनम की आस हो ,ना जनम मरण की प्यास ,
नेह  आत्मा का शरीर से हो या शरीर का आत्मा से ,
स्नेह में परमानन्द तो है ही है ना,सच तो यही है........

1 comment:

sam said...

The truth is incontrovertible. Malice may attack it, ignorance may deride it, but in the end, there it is.